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शनिवार, 24 फ़रवरी 2018

Health message in Whatsapp

                                                             🌹 ॐ आज की सुरक्षा ॐ🌹


                                                        🌷 वसंत ऋतू में बीमारीयों से सुरक्षा 🌷






🌿 वसंत ऋतू में शरीर में संचित कफ पिघल जाता है | अत: इस ऋतू में कफ बढानेवाले पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए | दिन में सोने से भी कफ बढ़ता है | इस ऋतू में नमक का कम उपयोग स्वास्थ्य के लिए हितकारी है | तुलसी-पत्ते व गोमूत्र के सेवन एवं सूर्यस्नान से कफ का शमन होता है | मुँह में कफ आने पर उसे अंदर न निगलें | कफ निकालने के लिए जलनेति, गजकरणी का प्रयोग कर सकते हैं | (देखें आश्रम से प्रकाशित पुस्तक ‘योगासन’, पृष्ठ 43, 44 )


😪 वसंत ऋतू में सर्दी-खाँसी, गले की तकलीफ, दमा, बुखार, पाचन की गडबडी, मंदाग्नि, उलटी-दस्त आदि बीमारियाँ अधिकांशत: देखने को मिलती हैं | नीचे कुछ सरल घरेलू उपाय दिये जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आसानी से इन रोगों से छुटकारा पाया जा सकता हैं |



😳 मंदाग्नि : 10 – 10 ग्राम सौंठ, कालीमिर्च, पीपर व सेंधा नमक – सभी को कूटकर चूर्ण बना लें | इसमें 400 ग्राम काली द्राक्ष (बीज निकाली हुई) मिलायें और चटनी की तरह पीस के काँच के बर्तन में भरकर रख दें | लगभग 5 ग्राम सुबह-शाम खाने से भूख खुलकर लगती है |


😢 कफ, खाँसी और दमा : 4 चम्मच अडूसे के पत्तों के ताजे रस में 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2 बार खाली पेट लें | (रस के स्थान पर अडूसा अर्क समभाग पानी मिलाकर उपयोग कर सकते हैं | यह आश्रम व समितियों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध हैं |) खाँसी, दमा, क्षयरोग आदि कफजन्य तकलीफों में यह उपयोगी है | इनमें गोझरण वटी भी अत्यंत उपयोगी हैं | आश्रमनिर्मित गोझरण वटी की 2 से ४ गोलियाँ दिन में 2 बार पानी के साथ लेने से कफ का शमन होता हैं तथा कफ व वायुजन्य तकलीफों में लाभ होता हैं |



😨  दस्त : इसबगोल में दही मिलाकर लेने से लाभ होता है | अथवा मूँग की दाल की खिचड़ी में देशी घी अच्छी मात्रा में डालकर खाने से पानी जैसे पतले दस्त में फायदा होता है |



😫  दमे का दौरा : अ] साँस फूलने पर २० मि.ली.तिल का तेल गुनगुना करके पीने से तुरंत राहत मिलती हैं |


🔸 आ] सरसों के तेल में थोडा-सा कपूर मिलाकर पीठ पर मालिश करें | इससे बलगम पिघलकर बाहर आ जायेगा और साँस लेने में आसानी होती है |


🔸  इ] उबलते हुए पानी में अजवायन डालकर भाप सुंघाने से श्वास-नलियाँ खुलती हैं और राहत मिलती है |

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