बुधवार, 23 मई 2018

इस मैसेज को गौर से दो बार पढे

*इस मैसेज को गौर से दो बार पढे*!!!!
 

जिस दिन हमारी मौत होती है, हमारा पैसा बैंक में ही रहा जाता है।

*
जब हम जिंदा होते हैं तो हमें लगता है कि हमारे पास खच॔ करने को पया॔प्त धन नहीं है।

*
जब हम चले जाते है तब भी बहुत सा धन बिना खच॔ हुये बच जाता है।

*
एक चीनी बादशाह की मोत हुई। वो अपनी विधवा के लिये बैंक में 1.9 मिलियन डालर छोड़ कर गया। विधवा ने जवान नोकर से शादी कर ली। उस नोकर ने कहा -
"मैं हमेशा सोचता था कि मैं अपने मालिक के लिये काम करता हूँ अब समझ आया कि वो हमेशा मेरे लिये काम करता था।"
सीख?
ज्यादा जरूरी है कि अधिक धन अज॔न कि बजाय अधिक जिया जाय।
• अच्छे व स्वस्थ शरीर के लिये प्रयास करिये।
• मँहगे फ़ोन के 70% फंक्शन अनोपयोगी रहते है।
• मँहगी कार की 70% गति का उपयोग नहीं हो पाता।
• आलीशान मकानो का 70% हिस्सा खाली रहता है।
• पूरी अलमारी के 70% कपड़े पड़े रहते हैं।
• पुरी जिंदगी की कमाई का 70% दूसरो के उपयोग के लिये छूट जाता है।
• 70% गुणो का उपयोग नहीं हो पाता
तो 30% का पूण॔ उपयोग कैसे हो
• स्वस्थ होने पर भी निरंतर चैक अप करायें।
• प्यासे न होने पर भी अधिक पानी पियें।
• जब भी संभव हो, अपना अहं त्यागें ।
• शक्तिशाली होने पर भी सरल रहेँ।
• धनी न होने पर भी परिपूण॔ रहें।
बेहतर जीवन जीयें !!!


काबू में रखें - प्रार्थना के वक़्त अपने दिल को,
काबू में रखें - खाना खाते समय पेट को,
काबू में रखें - किसी के घर जाएं तो आँखों को,
काबू में रखें - महफ़िल मे जाएं तो ज़बान को,
काबू में रखें - पराया धन देखें तो लालच को, 


भूल जाएं - अपनी नेकियों को,
भूल जाएं - दूसरों की गलतियों को,
भूल जाएं - अतीत के कड़वे संस्मरणों को, 


छोड दें - दूसरों को नीचा दिखाना,
छोड दें - दूसरों की सफलता से जलना,
छोड दें - दूसरों के धन की चाह रखना,
छोड दें - दूसरों की चुगली करना,
छोड दें - दूसरों की सफलता पर दुखी होना,




यदि आपके फ्रिज में खाना है, बदन पर कपड़े हैं, घर के ऊपर छत है और सोने के लिये जगह है,
तो दुनिया के 75% लोगों से ज्यादा धनी हैं
यदि आपके पर्स में पैसे हैं और आप कुछ बदलाव के लिये कही भी जा सकते हैं जहाँ आप जाना चाहते हैं
तो आप दुनिया के 18% धनी लोगों में शामिल हैं
यदि आप आज पूर्णतः स्वस्थ होकर जीवित हैं
तो आप उन लाखों लोगों की तुलना में खुशनसीब हैं जो इस हफ्ते जी भी न पायें
जीवन के मायने दुःखों की शिकायत करने में नहीं हैं
बल्कि हमारे निर्माता को धन्यवाद करने के अन्य हजारों कारणों में है!!!
यदि आप मैसेज को वाकइ पढ़ सकते हैं और समझ सकते हैं
तो आप उन करोड़ों लोगों में खुशनसीब हैं जो देख नहीं सकते और पढ़ नहीं सकते
अगर आपको यह सन्देश बार बार मिले तो परेशान होनेकी
बजाय आपको खुश होना चाहिए !
धन्यवाद...
मैंने भेज दिया
अब आपकी बाऱी है ।

::  *एक   खूबसूरत   सोच*  :::
                     अगर कोई पूछे कि जिंदगी में क्या खोया और क्या पाया ? .... .... तो बेशक कहना, जो कुछ खोया वो मेरी नादानी थी और जो भी पाया वो प्रभू की मेहेरबानी थी। क्या खुबसूरत रिश्ता है मेरे और मेरे भगवान के बीच में, ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं...✍”॥
                     
       ▁▂▄▅▆▇██▇▆▅▄▂▁
☄जीवन के तीन मंत्र☄
☄ *आनंद में  -  वचन मत दीजिये*
☄ *क्रोध में  -  उत्तर मत दीजिये*
☄ *दुःख में  -  निर्णय मत लीजिये* 


    जीवन मंत्र      
१) धीरे बोलिये        शांति मिलेगी
२) अहम छोड़िये     बड़े बनेंगे
३) भक्ति कीजिए     मुक्ति मिलेगी
४) विचार कीजिए    ज्ञान मिलेगा
५) सेवा कीजिए      शक्ति मिलेगी
६) सहन कीजिए     देवत्व मिलेगा
७) संतोषी बनिए     सुख मिलेगा 

                    "इतना छोटा कद रखिए कि सभी आपके साथ बैठ सकें। और इतना बड़ा मन रखिए कि जब आप खड़े हो जाऐं, तो कोई बैठा न रह सके।"
               शानदार बात
                     झाड़ू जब तक एक सूत्र में बँधी होती है, तब तक वह "कचरा" साफ करती है।
                      लेकिन वही झाड़ू जब बिखर जाती है, तो खुद कचरा हो जाती है।
                     इस लिये, हमेशा संगठन से बंधे रहें , बिखर कर कचरा न बनें। 


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मुन्सी प्रेमचंद जी की एक सुंदर कविता


     *मुन्सी प्रेमचंद जी की एक सुंदर कविता*
_ख्वाहिश नहीं मुझे_
_मशहूर होने की,
        _आप मुझे पहचानते हो_
        _बस इतना ही काफी है._
_अच्छे ने अच्छा और_
_बुरे ने बुरा जाना मुझे,_
        _क्यों की जिसकी जितनी जरूरत थी_
        _उसने उतना ही पहचाना मुझे._
_जिन्दगी का फलसफा भी_
_कितना अजीब है,_
        _शामें कटती नहीं और_
        _साल गुजरते चले जा रहें है._
_एक अजीब सी_
_दौड है ये जिन्दगी,_
        _जीत जाओ तो कई_
        _अपने पीछे छूट जाते हैं और_
_हार जाओ तो_
_अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं._
_बैठ जाता हूँ_
_मिट्टी पे अकसर,_
        _क्योंकि मुझे अपनी_
        _औकात अच्छी लगती है._
_मैंने समंदर से_
_सीखा है जीने का सलीका,_
        _चुपचाप से बहना और_
        _अपनी मौज मे रेहना._
_ऐसा नहीं की मुझमें_
_कोई ऐब नहीं है,_
        _पर सच कहता हूँ_
        _मुझमें कोई फरेब नहीं है._
_जल जाते है मेरे अंदाज से_
_मेरे दुश्मन,_
              _क्यों की एक मुद्दत से मैंने,
.... न मोहब्बत बदली
      और न दोस्त बदले हैं._
_एक घडी खरीदकर_
_हाथ मे क्या बांध ली_
        _वक्त पीछे ही_
        _पड गया मेरे._
_सोचा था घर बना कर_
_बैठुंगा सुकून से,_
        _पर घर की जरूरतों ने_
        _मुसाफिर बना डाला मुझे._
_सुकून की बात मत कर_
_ऐ गालिब,_
        _बचपन वाला इतवार_
        _अब नहीं आता._
_जीवन की भाग दौड मे_
_क्यूँ वक्त के साथ रंगत खो जाती है ?_
        _हँसती-खेलती जिन्दगी भी_
        _आम हो जाती है._
_एक सवेरा था_
_जब हँसकर उठते थे हम,_
        _और आज कई बार बिना मुस्कुराये_
        _ही शाम हो जाती है._
_कितने दूर निकल गए_
_रिश्तों को निभाते निभाते,_
        _खुद को खो दिया हम ने_
        _अपनों को पाते पाते._
_लोग केहते है_
_हम मुस्कुराते बहुत है,_
        _और हम थक गए_
        _दर्द छुपाते छुपाते._
_खुश हूँ और सबको_
_खुश रखता हूँ,_
        _लापरवाह हूँ फिर भी_
        _सब की परवाह करता हूँ._
_मालूम है_
_कोई मोल नहीं है मेरा फिर भी_
        _कुछ अनमोल लोगों से_
        _रिश्ता रखता हूँ._


         

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भारत की संस्कृति

*अपनी भारत की संस्कृति को पहचाने !*

*ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाये.!*
*खासकर अपने बच्चो को बताए क्यों कि ये बात उन्हें कोई नहीं बताएगा...*
            
 *⌛दो पक्ष⌛*
१-कृष्ण पक्ष ,    २-शुक्ल पक्ष❗
       
 *तीन ऋण*
१-देवऋण , २-पितृऋण, ३-ऋषिऋण❗
        
 *चार युग*
१-सतयुग ,  २-त्रेतायुग ,
३-द्वापरयुग ,  ४-कलियुग❗
       
 *चार धाम*
१-द्वारिका , २-बद्रीनाथ ,
३-जगन्नाथपुरी , ४-रामेश्वरमधाम❗
       
*चार पीठ*
१-शारदा पीठ *(द्वारिका)*
२-ज्योतिष पीठ *(जोशीमठ बद्रिधाम*)
३-गोवर्धन पीठ *(जगन्नाथपुरी),*
४-शृंगेरीपीठ❗
         

 *⌛चार वेद⌛*
१-ऋग्वेद , २-अथर्वेद ,३-यजुर्वेद , ४-सामवेद!
          
  *चार आश्रम*
१-ब्रह्मचर्य , २-गृहस्थ , ३-वानप्रस्थ , ४-संन्यास❗
          
 *चार अंतःकरण*
१-मन , २-बुद्धि , ३-चित्त , ४-अहंकार❗
         
 *पञ्च गव्य*
१-गाय का घी , २-दूध ,
दही ,३-गोमूत्र , ४-गोबर❗
        
 *पञ्च देव*
१-गणेश , २-विष्णु , ३-शिव , ४-देवी ,५-सूर्य!
          

*पंच तत्त्व*
१-पृथ्वी ,२-जल , ३-अग्नि , ४-वायु , ५-आकाश❗
       
 *⌛छह दर्शन⌛*
१-वैशेषिक , २-न्याय ,३-ऋषांख्य , ४-योग , ५-पूर्व मिसांसा , ६-दक्षिण मिसांसा❗
       
*  सप्त ऋषि*
१-विश्वामित्र ,२-जमदाग्नि ,३-भरद्वाज , ४-गौतम , ५-अत्री , ६-वशिष्ठ और कश्यप❗
          
*सप्त पुरी*
१-अयोध्यापुरी ,२-मथुरापुरी ,
३-मायापुरी *(हरिद्वार)*, ४-काशीपुरी ,
५-कांचीपुरी *(शिन कांची-विष्णु कांची),*
६-अवंतिकापुरी और
७-द्वारिकापुरी❗
         
 *⌛आठ योग⌛*
१-यम , २-नियम , ३-आसन ,४-प्राणायाम , ५-प्रत्याहार , ६-धारणा , ७-ध्यान, एवं ८-समािध❗
          

*आठ लक्ष्मी*
१-आग्घ , २-विद्या , ३-सौभाग्य ,४-अमृत , ५-काम , ६-सत्य , ७-भोग ,एवं ८-योग लक्ष्मी❗
            
 *नव दुर्गा *
१-शैल पुत्री , २-ब्रह्मचारिणी ,३-चंद्रघंटा , ४-कुष्मांडा , ५-स्कंदमाता , ६-कात्यायिनी ,७-कालरात्रि, ८-महागौरी एवं ९-सिद्धिदात्री❗
       
* दस दिशाएं*
१,पूर्व , २-पश्चिम , ३-उत्तर , ४-दक्षिण ,५-ईशान , ६-नैऋत्य , ७-वायव्य , ८-अग्नि
९-आकाश, एवं १०-पाताल,❗
              
 *मुख्य ११ अवतार*
१-मत्स्य , २-कश्यप , ३-वराह , ४-नरसिंह , ५-वामन , ६-परशुराम ,७-श्री राम , ८-कृष्ण , -बलराम , १०-बुद्ध , एवं ११-कल्कि❗
       
  *बारह मास*
१-चैत्र , २-वैशाख , ३-ज्येष्ठ ,४-अषाढ , ५-श्रावण , ६-भाद्रपद , ७-अश्विन , ८-कार्तिक ,९-मार्गशीर्ष , १०-पौष , ११-माघ , १२-फागुन❗
      

 *⌛ बारह राशी ⌛*
१-मेष , २-वृषभ , ३-मिथुन , ४-कर्क , ५-सिंह , ६-कन्या , ७-तुला , ८-वृश्चिक , ८-धनु , १०-मकर , ११-कुंभ , १२-कन्या❗
         
  *बारह ज्योतिर्लिंग*
१-सोमनाथ ,२-मल्लिकार्जुन ,३-महाकाल , ४-ओमकारेश्वर , ५-बैजनाथ , ६-रामेश्वरम ,७-विश्वनाथ , ८-त्र्यंबकेश्वर , ९-केदारनाथ , १०-घुष्नेश्वर, ११-भीमाशंकर ,१२-नागेश्वर!
     
  *पंद्रह तिथियाँ*
१-प्रतिपदा ,२-द्वितीय ,३-तृतीय ,४-चतुर्थी , ५-पंचमी , ६-षष्ठी , ७-सप्तमी , ८-अष्टमी , ९-नवमी ,१०-दशमी , ११-एकादशी , १२-द्वादशी , १३-त्रयोदशी , १४-चतुर्दशी , १५-पूर्णिमा, अमावास्या❗
        
   *स्मृतियां*
१-मनु , २-विष्णु , ३-अत्री , ४-हारीत ,५-याज्ञवल्क्य ,७-उशना , ७-अंगीरा , ८-यम , ९-आपस्तम्ब , १०-सर्वत ,१०-कात्यायन , १२-ब्रहस्पति , १३-पराशर , १४-व्यास , १५-शांख्य , १६-लिखित , १७-दक्ष ,
१८-शातातप , १९-वशिष्ठ❗

*इस पोस्ट को अधिकाधिक शेयर करें जिससे सबकी हमारी संस्कृति का ज्ञान हो❗*



एक हिन्दू को इन जैसी बातों की जानकारी, जबानी रखनी चाहिए :      
*"श्री मद्-भगवत गीता"* के बारे में-
*ॐ . किसको किसने सुनाई?*
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई । 

*ॐ . कब सुनाई?*
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई ।
 
*ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?*
उ.- रविवार के दिन ।
 
*ॐ. कोनसी तिथि को?*
उ.- एकादशी ।
 
*ॐ. कहा सुनाई?*
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में ।
 
*ॐ. कितनी देर में सुनाई?*
उ.- लगभग 45 मिनट में ।
 
*ॐ. क्यू सुनाई?*
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए ।
 
*ॐ. कितने अध्याय है?*
उ.- कुल 18 अध्याय ।
 
*ॐ. कितने श्लोक है?*
उ.- 700 श्लोक ।
 
*ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है?*
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है ।
 
*ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा और किन किन लोगो ने सुना?*
उ.- धृतराष्ट, संजय और श्री हनुमान जी ने ।
 
*ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?*
उ.- भगवान सूर्यदेव को ।
 
*ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?*
उ.- उपनिषदों में ।
 
*ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?*
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है ।
 
*ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है?*
उ.- गीतोपनिषद ।
 
*ॐ. गीता का सार क्या है?*
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना ।
 
*ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?*
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574,
अर्जुन ने- 85,
धृतराष्ट्र ने- 1,
संजय ने- 40.
*अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे ।*
*धन्यवाद*
 
*अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है।*
33 करोड नहीँ  *33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मेँ।*
*कोटि = प्रकार।*
देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है:
*कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।*
*हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो अज्ञानता वश हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...*
*कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :-*
 
*12 प्रकार हैँ*
*आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,सविता, तवास्था, और विष्णु...!*
 
*8 प्रकार हे :-*
*वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।*
 
*11 प्रकार है :-*
*रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,*
*अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,*
*रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।*
*एवँ*
 
*दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।*
*कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी*
*इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाएं।*


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सफलता के 21 मंत्र

सफलता के 21  मंत्र " 


1.खुद की कमाई  से कम
          खर्च हो ऐसी जिन्दगी
          बनाओ..!

2. दिन  में कम  से कम
           3 लोगो की प्रशंसा करो..!

3. खुद की भूल स्वीकारने
           में कभी भी संकोच मत
           करो..!

4. किसी  के सपनों पर  हँसो
           मत..!

5. आपके पीछे खडे व्यक्ति
           को भी कभी कभी आगे
           जाने का मौका दो..!  

6. रोज हो सके तो सूरज को
           उगता हुए देखें..!

7. खूब जरुरी हो तभी कोई
          चीज उधार लो..!

8. किसी के पास  से  कुछ
           जानना हो तो विवेक  से
           दो बार...पूछो..!

9. कर्ज और शत्रु को कभी
           बडा मत होने दो..!

10. ईश्वर पर पूरा भरोसा
             रखो..!

11. प्रार्थना करना कभी
             मत भूलो,प्रार्थना में
             अपार शक्ति होती है..!

12. अपने काम  से मतलब
             रखो..!

13. समय सबसे ज्यादा
             कीमती है, इसको फालतू
             कामो  में खर्च मत करो..

14. जो आपके पास है, उसी
             में खुश रहना सीखो..!

15. बुराई कभी भी किसी की
             भी मत करो,
             क्योंकि बुराई नाव  में
             छेद के समान  है, बुराई
             छोटी हो या बङी नाव को
             डुबो ही देती  है..!

16. हमेशा सकारात्मक सोच
             रखो..!

17. हर व्यक्ति एक हुनर
             लेकर  पैदा होता है बस
             उस हुनर को दुनिया के
             सामने लाओ..!

18. कोई काम छोटा नहीं
             होता हर काम बडा होता
             है जैसे कि सोचो जो
             काम आप कर रहे हो
             अगर वह काम
             आप नहीं करते हो तो
             दुनिया पर क्या असर
             होता..?

19. सफलता उनको ही
             मिलती  है जो कुछ
             करते  है

20. कुछ पाने के लिए कुछ
             खोना नहीं बल्कि  कुछ
             करना  पड़ता है

21.  और  एक  आखिरी  बात
          जीवन में  " गुरु " न  होतो 
          जीवन बेकार है
          इसलिए  जीवन में
         " गुरू " जरूरी  हैं
         "गुरुर" नहीं
पेड बूढा ही सही,
आंगन में रहने दो,
फल न सही, छाॅंव तो अवश्य देगा
ठीक उसी प्रकार
माता-पिता बूढे ही सही,
घर में ही रहने दो,
दौलत तो नहीं कमा सकते,
लेकिन आपके बच्चों को संस्कार अवश्य देंगे ।।
 
इसे जितनी जगह पहुंचा
सकते हैं -:- पहुंचायें -:-


Shivling




शिवलिंग को गुप्तांग की संज्ञा कैसे दी और अब हम  हिन्दू खुद शिवलिंग को शिव् भगवान का गुप्तांग समझने लगे हे और दूसरे हिन्दुओ को भी ये गलत जानकारी देने लगे हे।
प्रकृति से शिवलिंग का क्या संबंध है ..?
जाने शिवलिंग का वास्तविक अर्थ क्या है और कैसे इसका गलत अर्थ निकालकर हिन्दुओं को भ्रमित किया...??
कुछ लोग शिवलिंग की पूजा
की आलोचना करते हैं..।
छोटे छोटे बच्चों को बताते हैं कि हिन्दू लोग लिंग और योनी की पूजा करते हैं । मूर्खों को संस्कृत का ज्ञान नहीं होता है..और अपने छोटे'छोटे बच्चों को हिन्दुओं के प्रति नफ़रत पैदा करके उनको आतंकी बना देते हैं।संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है । इसे देववाणी भी कहा जाता है।
*लिंग*
लिंग का अर्थ संस्कृत में चिन्ह, प्रतीक होता है…
जबकी जनर्नेद्रीय को संस्कृत मे शिशिन कहा जाता है।
*शिवलिंग*
>शिवलिंग का अर्थ हुआ शिव का प्रतीक….
>पुरुषलिंग का अर्थ हुआ पुरुष का प्रतीक इसी प्रकार स्त्रीलिंग का अर्थ हुआ स्त्री का प्रतीक और नपुंसकलिंग का अर्थ हुआ नपुंसक का प्रतीक। अब यदि जो लोग पुरुष लिंग को मनुष्य की जनेन्द्रिय समझ कर आलोचना करते है..तो वे बताये ”स्त्री लिंग ”’के अर्थ के अनुसार स्त्री का लिंग होना चाहिए ।
*शिवलिंग”’क्या है ?*
शून्य, आकाश, अनन्त, ब्रह्माण्ड और निराकार परमपुरुष का प्रतीक होने से इसे लिंग कहा गया है । स्कन्दपुराण में कहा है कि आकाश स्वयं लिंग है।शिवलिंग वातावरण सहित घूमती धरती तथा सारे अनन्त ब्रह्माण्ड ( क्योंकि, ब्रह्माण्ड गतिमान है ) का अक्स/धुरी (axis) ही लिंग है।
शिव लिंग का अर्थ अनन्त भी होता है अर्थात जिसका कोई अन्त नहीं है और ना ही शुरुआत।
शिवलिंग का अर्थ लिंग या योनी नहीं होता ।
..दरअसल यह गलतफहमी भाषा के रूपांतरण और मलेच्छों यवनों  के द्वारा हमारे पुरातन धर्म ग्रंथों को नष्ट कर दिए जाने पर तथा बाद में षडयंत्रकारी अंग्रेजों के द्वारा इसकी व्याख्या से उत्पन्न हुआ है ।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एक ही शब्द के विभिन्न भाषाओँ में अलग-अलग अर्थ निकलते हैं ।
उदाहरण के लिए
यदि हम हिंदी के एक शब्द “सूत्र” को ही ले लें तो
सूत्र का मतलब डोरी/धागा गणितीय सूत्र कोई भाष्य अथवा लेखन भी हो सकता है। जैसे कि नासदीय सूत्र ब्रह्म सूत्र इत्यादि ।
उसी प्रकार “अर्थ” शब्द का भावार्थ : सम्पति भी हो सकता है और मतलब (मीनिंग) भी ।
ठीक बिल्कुल उसी प्रकार शिवलिंग के सन्दर्भ में लिंग शब्द से अभिप्राय चिह्न, निशानी, गुण, व्यवहार या प्रतीक है । धरती उसका पीठ या आधार है और सब अनन्त शून्य से पैदा हो उसी में लय होने के कारण इसे लिंग कहा है।तथा कई अन्य नामों से भी संबोधित किया गया है। जैसे : प्रकाश स्तंभ/लिंग, अग्नि स्तंभ/लिंग, उर्जा स्तंभ/लिंग, ब्रह्माण्डीय स्तंभ/लिंग (cosmic pillar/lingam)
ब्रह्माण्ड में दो ही चीजे हैं: ऊर्जा और प्रदार्थ। हमारा शरीर प्रदार्थ से निर्मित है और आत्मा ऊर्जा है।
इसी प्रकार शिव पदार्थ और शक्ति ऊर्जा का प्रतीक बन कर शिवलिंग कहलाते हैं।
ब्रह्मांड में उपस्थित समस्त ठोस तथा ऊर्जा शिवलिंग में निहित है। वास्तव में शिवलिंग हमारे ब्रह्मांड की आकृति है.
The universe is a sign of Shiva Lingam
शिवलिंग भगवान शिव और देवी शक्ति (पार्वती) का आदि-आनादी एकल रूप है तथा पुरुष और प्रकृति की समानता का प्रतिक भी है। अर्थात इस संसार में न केवल पुरुष का और न केवल प्रकृति (स्त्री) का वर्चस्व है अर्थात दोनों सामान हैं।
*अब बात करते है योनि शब्द पर-*
मनुष्ययोनि ”पशुयोनी”पेड़-पौधों की योनी’जीव-जंतु योनि
योनि का संस्कृत में प्रादुर्भाव ,प्रकटीकरण अर्थ होता है....जीव अपने कर्म के अनुसार विभिन्न योनियों में जन्म लेता है। किन्तु कुछ धर्मों में पुर्जन्म की मान्यता नहीं है नासमझ बेचारे। इसीलिए योनि शब्द के संस्कृत अर्थ को नहीं जानते हैं। जबकी हिंदू धर्म मे 84 लाख योनि बताई जाती है।यानी 84 लाख प्रकार के जन्म हैं। अब तो वैज्ञानिकों ने भी मान लिया है कि धरती में 84 लाख प्रकार के जीव (पेड़, कीट,जानवर,मनुष्य आदि) है।
*मनुष्य योनि*
पुरुष और स्त्री दोनों को मिलाकर मनुष्य योनि होता है।अकेले स्त्री या अकेले पुरुष के लिए मनुष्य योनि शब्द का प्रयोग संस्कृत में नहीं होता है। तो कुल मिलकर अर्थ यह है:-
लिंग का तात्पर्य प्रतीक से है शिवलिंग का मतलब है पवित्रता का प्रतीक ।
दीपक की प्रतिमा बनाये जाने से इस की शुरुआत हुई, बहुत से हठ योगी दीपशिखा पर ध्यान लगाते हैं | हवा में दीपक की ज्योति टिमटिमा जाती है और स्थिर ध्यान लगाने की प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न करती है। इसलिए दीपक की प्रतिमा स्वरूप शिवलिंग का निर्माण किया गया। ताकि निर्विघ्न एकाग्र होकर ध्यान लग सके | लेकिन कुछ विकृत मुग़ल काल व गंदी मानसिकता बाले गोरे अंग्रेजों के गंदे दिमागों ने इस में गुप्तांगो की कल्पना कर ली और झूठी कुत्सित कहानियां बना ली और इसके पीछे के रहस्य की जानकारी न होने के कारण अनभिज्ञ भोले हिन्दुओं को भ्रमित किया गया |
आज भी बहुतायत हिन्दू इस दिव्य ज्ञान से अनभिज्ञ है।
हिन्दू सनातन धर्म व उसके त्यौहार विज्ञान पर आधारित है।जोकि हमारे पूर्वजों ,संतों ,ऋषियों-मुनियों तपस्वीयों की देन है।आज विज्ञान भी हमारी हिन्दू संस्कृति की अदभुत हिन्दू संस्कृति व इसके रहस्यों को सराहनीय दृष्टि से देखता है व उसके ऊपर रिसर्च कर रहा है।
*नोट÷* सभी शिव-भक्तों हिन्दू सनातन प्रेमीयों से प्रार्थना है, यह जानकारी सभी को भरपूर मात्रा में इस पोस्ट को शेयर करें ताकि सभी को यह जानकारी मिल सके जो कि मुस्लिम और गोरे अंग्रेजों ने षड्यंत्र के तहत फैला दी थी।
सनातन धर्म एव विजयते
जै शिव शंकर 

Truth poem

पसंद आये तो एक स्माइल दीजियेगा
जिसने भी लिक्खा उम्दा लिक्खा 

यह नदियों का मुल्क है,
पानी भी भरपूर है।
बोतल में बिकता है,
पन्द्रह रू शुल्क है।
:
यह गरीबों का मुल्क है,
जनसंख्या भी भरपूर है।
परिवार नियोजन मानते नहीं,
नसबन्दी नि:शुल्क है।
:
यह अजीब मुल्क है,
निर्बलों पर हर शुल्क है।
अगर आप हों बाहुबली,
हर सुविधा नि:शुल्क है।
:
यह अपना ही मुल्क है,
कर कुछ सकते नहीं।
कह कुछ सकते नहीं,
बोलना नि:शुल्क है।
:
यह शादियों का मुल्क है,
दान दहेज भी खूब हैं।
शादी करने को पैसा नहीं,
कोर्ट मैरिज नि:शुल्क हैं।
:
यह पर्यटन का मुल्क है,
रेलें भी खूब हैं।
बिना टिकट पकड़े गए तो,
रोटी कपड़ा नि:शुल्क है।
:
यह अजीब मुल्क है,
हर जरूरत पर शुल्क है।
ढूंढ कर देते हैं लोग,
सलाह नि:शुल्क है।
:
यह आवाम का मुल्क है,
रहकर चुनने का हक है।
वोट देने जाते नहीं,
मतदान नि:शुल्क है।
यह शिक्षकों का मुल्क है,
पाठशालाएं भी खूब है,
शिक्षकों को वेतनमान देने के पैसे नहीं,
पढ़ना,खाना,पोशाक निःशुल्क है।
: बेचारा आदमी:
जब सर के बाल न आये तो दवाई ढूँढता है..,
जब आ जाते है तो नाई ढूँढता है..,
जब सफ़ेद हो जाते है तो डाई ढूँढता है...!
और जब काले रहते हैं तो लुगाई ढूँढता है
          

बड़ा महत्त्व ह, Importent's

ससुराल में  *" जमाई "* का ..,
परदेश में ~*" कमाई "* का ..,
जाड़े में~~*" रजाई "* का ..,
दूध में ~~ *" मलाई "* का ... बड़ा महत्त्व है
पंछियों में ~*" बसेरे "* का ..,
दुनिया में ~ *" सवेरे "* का ..,
डगर में ~~*" उजेरे "* का ..,
शादी में ~~*" फेरे "* का ... बड़ा महत्त्व  है
फिल्म में  ~ *" गाने "* का ..,
झगड़े   में ~ *"थाने"*  का
प्यार में ~~ *" पाने "* का ..,
अंधों में ~~*" काने "* का ..,
परिंदों में ~  *" दाने "* का ... बड़ा  महत्त्व है ..,
 फलों में  ~~*" आम "* का ..,
भगवान में  ~*" राम "* का ..,
मयखाने में ~*" जाम "* का ..,
फैक्ट्री में ~~*" काम "* का ..,
सुर्खियों में~~*" नाम "* का ..,
बाजार में ~~*" दाम "* का ..,
मोहब्बत में~ *" शाम "* का ... बड़ा महत्त्व है ..,खेलों में ~ *" क्रिकेट "* का ..,
विमानों में~*" जेट "* का ..,
शरीर में~~ *" पेट "* का ..,
दूरसंचार में  *" नेट "* का ... बड़ा महत्त्व है ..,बंदूक में ~ *" गोली "* का .
पूजा में ~~*" रोली "* का ..,
समाज में~ *" बोली "* का ..,
त्योहारों में  *" होली "* का ..,
श्रृंगार में ~ *" रोली "* का ... बड़ा महत्त्व है ..,
 चमन में~~*" बहार "* का ..,
डोली में~  *" कहार "* का ..,
खाने में ~  *" अचार "* का ..,
मकान में ~*" दीवार "* का ... बड़ा महत्त्व है ..,
सलाद में~  *" मूली "* का ..,
फूलों में ~~*" जूली "* का ..,
सजा में ~~*" सूली "* का ..,
स्टेशन में ~ *" कूली "* का ... बड़ा महत्त्व है ..,

सौ वर्षों तक जिए



पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात!
सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!!

*धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!*
दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!!

*ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर!*
कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!!

*प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!*
बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!!

*ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!*
करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!!

*भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!*
चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!!

*प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!*
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!!

*प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!* 
तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!!

*भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!*
डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !!

*घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!*
एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!!

*अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!*
पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!!

*रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!*
सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!!

*सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!*
भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुजीत!!

*देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!*
अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल

*दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!*
बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!!

*सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!*
दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!!

*भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!*
पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!!

*अलसी, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!*
यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल!

*पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान!*
श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!!

*अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग!*
आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग!!

*फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!*
ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!!

*चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!*
गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!!

*रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय!*
बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!!

*भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड, अजवान!*
पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!!

*लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान!*
तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान!

*चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे !*
ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !!

*सौ वर्षों तक वह जिए, लेते नाक से सांस!*
अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!!

*सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान!*
घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!!

*हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान!*
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!!

*अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर!*
नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!!

*तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग!*
मिट जाते हर उम्र में,तन में सारे रोग। 

*कृपया इस जानकारी को जरूर आगे बढ़ाएं*



मुख्य द्वार के पास कभी भी कूड़ादान ना रखें इससे पड़ोसी शत्रु हो जायेंगे 
|
[२] सूर्यास्त के समय किसी को भी दूध,दही या प्याज माँगने पर ना दें इससे घर की बरक्कत समाप्त हो जाती है |
[३] छत पर कभी भी अनाज या बिस्तर ना धोएं..हाँ सुखा सकते है इससे ससुराल से सम्बन्ध खराब होने लगते हैं |
[४] फल खूब खाओ स्वास्थ्य के लिए अच्छे है लेकिन उसके छिलके कूडादान में ना डालें वल्कि बाहर फेंकें इससे मित्रों से लाभ होगा |
[५] माह में एक बार किसी भी दिन घर में मिश्री युक्त खीर जरुर बनाकर परिवार सहित एक साथ खाएं अर्थात जब पूरा परिवार घर में इकट्ठा हो उसी समय खीर खाएं तो माँ लक्ष्मी की जल्दी कृपा होती है |
[६] माह में एक बार अपने कार्यालय में भी कुछ मिष्ठान जरुर ले जाएँ उसे अपने साथियों के साथ या अपने अधीन नौकरों के साथ मिलकर खाए तो धन लाभ होगा |
[७] रात्री में सोने से पहले रसोई में बाल्टी भरकर रखें इससे क़र्ज़ से शीघ्र मुक्ति मिलती है और यदि बाथरूम में बाल्टी भरकर रखेंगे तो जीवन में उन्नति के मार्ग में बाधा नही आवेगी |
[८] वृहस्पतिवार के दिन घर में कोई भी पीली वस्तु अवश्य खाएं हरी वस्तु ना खाएं तथा बुधवार के दिन हरी वस्तु खाएं लेकिन पीली वस्तु बिलकुल ना खाएं इससे सुख समृद्धि बड़ेगी |
[९] रात्रि को झूठे बर्तन कदापि ना रखें इसे पानी से निकाल कर रख सकते है हानि से बचोगें |
[१०] स्नान के बाद गीले या एक दिन पहले के प्रयोग किये गये तौलिये का प्रयोग ना करें इससे संतान हठी व परिवार से अलग होने लगती है अपनी बात मनवाने लगती है अतः रोज़ साफ़ सुथरा और सूखा तौलिया ही प्रयोग करें |
[११] कभी भी यात्रा में पूरा परिवार एक साथ घर से ना निकलें आगे पीछे जाएँ इससे यश की वृद्धि होगी |

ऐसे ही अनेक अपशकुन है जिनका हम ध्यान रखें तो जीवन में किसी भी समस्या का सामना नही करना पड़ेगा तथा सुख समृद्धि बड़ेगी |



Kuchh vaastu tips

१. घर में सुबह सुबह कुछ देर के लिए भजन अवशय लगाएं ।

२. घर में कभी भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखें, उसे पैर नहीं लगाएं, न ही उसके ऊपर से गुजरे अन्यथा घर में बरकत की कमी हो जाती है। झाड़ू हमेशा छुपा कर रखें |

३. बिस्तर पर बैठ कर कभी खाना न खाएं, ऐसा करने से धन की हानी होती हैं। लक्ष्मी घर से निकल जाती है1 घर मे अशांति होती है1

४. घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखेर कर या उल्टे सीधे करके नहीं रखने चाहिए इससे घर में अशांति उत्पन्न होती है।

५. पूजा सुबह 6 से 8 बजे के बीच भूमि पर आसन बिछा कर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ कर करनी चाहिए । पूजा का आसन जुट अथवा कुश का हो तो उत्तम होता है |

६. पहली रोटी गाय के लिए निकालें। इससे देवता भी खुश होते हैं और पितरों को भी शांति मिलती है |

७.पूजा घर में सदैव जल का एक कलश भरकर रखें जो जितना संभव हो ईशान कोण के हिस्से में हो |

८. आरती, दीप, पूजा अग्नि जैसे पवित्रता के प्रतीक साधनों को मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाएं।

९. मंदिर में धूप, अगरबत्ती व हवन कुंड की सामग्री दक्षिण पूर्व में रखें अर्थात आग्नेय कोण में |

१०. घर के मुख्य द्वार पर दायीं तरफ स्वास्तिक बनाएं |

११. घर में कभी भी जाले न लगने दें, वरना भाग्य और कर्म पर जाले लगने लगते हैं और बाधा आती है |

१२. सप्ताह में एक बार जरुर समुद्री नमक अथवा सेंधा नमक से घर में पोछा लगाएं | इससे नकारात्मक ऊर्जा हटती है |

१३. कोशिश करें की सुबह के प्रकाश की किरणें आपके पूजा घर में जरुर पहुचें सबसे पहले |

१४. पूजा घर में अगर कोई प्रतिष्ठित मूर्ती है तो उसकी पूजा हर रोज निश्चित रूप से हो, ऐसी व्यवस्था करे |


"पानी पीने का सही वक़्त".
(1) 3 गिलास सुबह उठने के बाद,
.....अंदरूनी उर्जा को Activate
करता है...

(2) 1 गिलास नहाने के बाद,
......ब्लड प्रेशर का खात्मा करता है...

(3) 2 गिलास खाने से 30 Minute पहले,
........हाजमे को दुरुस्त रखता है..

(4) आधा गिलास सोने से पहले,
......हार्ट अटैक से बचाता है..



Please पोस्ट करें



 



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